Petrol Diesel Rate: राजधानी दिल्ली में शनिवार 12 अप्रैल 2025 को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं देखा गया. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल ₹94.77 और डीजल ₹87.67 प्रति लीटर की दर से बिक रहा है. यह लगातार 10वां दिन है जब ईंधन की कीमतें बिल्कुल स्थिर बनी हुई हैं.
देशभर में ईंधन की कीमतों का असर सीधा आम लोगों की जेब पर पड़ता है. ऐसे में जब कीमतें लगातार स्थिर बनी रहती हैं, तो यह एक राहत भरी खबर होती है, खासकर उन लोगों के लिए जो रोजाना गाड़ी से यात्रा करते हैं या ट्रांसपोर्ट से जुड़े हुए हैं.
2 अप्रैल से 12 अप्रैल तक की कीमतों पर एक नजर
नीचे दी गई तालिका में आप देख सकते हैं कि बीते 10 दिनों में किस तरह दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार स्थिर बनी हुई हैं:
| तारीख | पेट्रोल (₹/लीटर) | डीजल (₹/लीटर) | बदलाव |
| 12 अप्रैल | ₹94.77 | ₹87.67 | 0.00 |
| 11 अप्रैल | ₹94.77 | ₹87.67 | 0.00 |
| 10 अप्रैल | ₹94.77 | ₹87.67 | 0.00 |
| 9 अप्रैल | ₹94.77 | ₹87.67 | 0.00 |
| 8 अप्रैल | ₹94.77 | ₹87.67 | 0.00 |
| 7 अप्रैल | ₹94.77 | ₹87.67 | 0.00 |
| 6 अप्रैल | ₹94.77 | ₹87.67 | 0.00 |
| 5 अप्रैल | ₹94.77 | ₹87.67 | 0.00 |
| 4 अप्रैल | ₹94.77 | ₹87.67 | 0.00 |
| 3 अप्रैल | ₹94.77 | ₹87.67 | 0.00 |
| 2 अप्रैल | ₹94.77 | ₹87.67 | 0.00 |
इस तालिका से साफ है कि ईंधन की कीमतों में 10 दिनों से कोई उतार-चढ़ाव नहीं हुआ है, जो कि देश की राजधानी जैसे बड़े शहर में एक स्थिरता का संकेत देता है.
डेली फ्यूल प्राइस रिवीजन सिस्टम क्या है?
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हर दिन सुबह 6 बजे बदलाव किया जाता है. इस प्रक्रिया को ‘डेली फ्यूल प्राइस रिवीजन सिस्टम’ कहा जाता है. इस सिस्टम के तहत ईंधन की कीमतें अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के भाव, विदेशी मुद्रा दर (जैसे डॉलर के मुकाबले रुपया), केंद्र और राज्य सरकार के टैक्स जैसे कई कारकों पर निर्भर करती हैं.
इस प्रक्रिया से यह फायदा होता है कि कीमतें पारदर्शी तरीके से तय होती हैं और अंतरराष्ट्रीय बाजार में होने वाले बदलावों का असर तेजी से देश के उपभोक्ताओं तक पहुंचता है.
कीमतें स्थिर क्यों बनी हुई हैं?
हाल ही में वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतनी तेजी नहीं देखी गई है. साथ ही भारत में रुपया भी डॉलर के मुकाबले किसी खास उतार-चढ़ाव से नहीं गुजर रहा है. ऐसे में तेल कंपनियों को ईंधन के दाम बढ़ाने या घटाने की जरूरत नहीं महसूस हुई.
विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिरता फिलहाल राहत जरूर है, लेकिन यह लंबे समय तक बनी रहेगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है. जैसे ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में हलचल तेज होगी या टैक्स ढांचे में बदलाव होंगे, ईंधन की कीमतें फिर से ऊपर-नीचे हो सकती हैं.
आम जनता के लिए राहत, लेकिन अस्थायी
ईंधन के दामों की स्थिरता से सबसे ज्यादा राहत उन लोगों को मिलती है जो रोजाना वाहन चलाते हैं. टैक्सी ड्राइवर, डिलीवरी एजेंट, ट्रांसपोर्टर और मध्यम वर्ग के लोग पेट्रोल-डीजल की महंगाई से सीधा प्रभावित होते हैं. जब कीमतें नहीं बढ़तीं, तो इनका बजट कुछ समय के लिए संतुलित रहता है.
हालांकि, जानकारों की राय में यह राहत बहुत लंबी नहीं रहने वाली. जैसे ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल का संकट या युद्ध जैसी स्थितियां पैदा होती हैं, इनका असर तुरंत भारतीय बाजार पर दिखता है.
कच्चे तेल के वैश्विक दाम और असर
अभी के समय में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें औसतन $85 से $90 प्रति बैरल के बीच बनी हुई हैं. यदि यह आंकड़ा $95 या $100 के पार चला जाता है, तो भारतीय तेल कंपनियों को नुकसान से बचाने के लिए पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए जा सकते हैं.
भारत अपनी जरूरत का लगभग 85% कच्चा तेल आयात करता है, इसलिए डॉलर की स्थिति और कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें भारत की ईंधन नीति को सीधे प्रभावित करती हैं.