4879 करोड़ की लागत से बिछेगी नई रेल लाइन, बिहार के इन जिलों की हुई मौज Bihar New Railway Line

बिहार और झारखंड के यात्रियों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। बड़हरवा से भागलपुर तक तीसरी और चौथी नई रेलवे लाइन बनाने की योजना को लेकर रेलवे बोर्ड को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) भेज दी गई है। इस रेल परियोजना की अनुमानित लागत 4879.63 करोड़ रुपये बताई गई है। रेलवे को उम्मीद है कि बोर्ड जल्द ही मंजूरी देगा, जिसके बाद रेलवे लाइन बिछाने की प्रक्रिया तेज हो जाएगी।

तीसरी और चौथी लाइन से मिलेगा दबाव से राहत

बड़हरवा-भागलपुर रेलखंड पर मालगाड़ियों और पैसेंजर ट्रेनों का दबाव लगातार बढ़ रहा है। फिलहाल इस रूट पर केवल दो लाइनें हैं और रोज़ाना 40-45 मालगाड़ियां गुजरती हैं, जिससे यात्रियों की ट्रेनों को लेट होने की समस्या झेलनी पड़ती है। नई दो पटरियों के जुड़ने के बाद इस रूट पर कुल चार लाइनें हो जाएंगी, जिससे ट्रेनों का संचालन आसान होगा और समय की भी बचत होगी।

258 किलोमीटर नई पटरियां बिछेंगी

इस परियोजना के तहत कुल 258 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बिछाई जाएगी। इसमें तीसरी और चौथी लाइनें शामिल होंगी, जिनकी लंबाई 129-129 किलोमीटर होगी। रेल मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता में रखा है और अगस्त-सितंबर 2025 से काम शुरू करने की योजना बनाई गई है।

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भू-अर्जन प्रक्रिया जारी, 100 करोड़ से अधिक खर्च का अनुमान

इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी चालू हो चुकी है। अनुमान है कि भू-अर्जन पर ही 100 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे। जमीन अधिग्रहण के पूरा होते ही रेलवे टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगा। इससे न केवल निर्माण में तेजी आएगी, बल्कि समय से पहले काम पूरा करने में भी मदद मिलेगी।

नई लाइनों से ट्रेनों की रफ्तार और संख्या दोनों बढ़ेगी

नई रेलवे लाइनों के बनने से एक्सप्रेस, सुपरफास्ट और पैसेंजर ट्रेनों की गति में वृद्धि होगी। साथ ही, हावड़ा, नॉर्थ-ईस्ट और अन्य क्षेत्रों के लिए नई ट्रेनों का संचालन भी किया जा सकेगा। इससे इस पूरे रूट पर यात्रियों को और अधिक विकल्प मिलेंगे और यात्रा अनुभव बेहतर होगा।

मालगाड़ियों का संचालन होगा अलग ट्रैक से

इस योजना का एक बड़ा फायदा यह होगा कि अब मालगाड़ियों और सवारी ट्रेनों के लिए अलग-अलग ट्रैक होंगे। अभी तक दोनों प्रकार की ट्रेनों को एक ही ट्रैक पर चलाना पड़ता है, जिससे देरी होती है। नए ट्रैकों से मालगाड़ियों का संचालन अलग से किया जाएगा, जिससे यात्रियों की ट्रेनों को समय पर चलाने में सुविधा होगी।

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गोड्डा-पीरपैंती नई रेलवे लाइन परियोजना भी तेज रफ्तार में

इसी के साथ एक और महत्वपूर्ण परियोजना पर काम जारी है – गोड्डा-पीरपैंती नई रेलवे लाइन योजना। इस योजना के तहत तीन फेज़ में लाइन बिछेगी:

  • गोड्डा से महगामा तक – 26 किलोमीटर
  • महगामा से मेहरमा तक – 21 किलोमीटर
  • मेहरमा से पीरपैंती तक – 10 किलोमीटर

इस पूरे प्रोजेक्ट पर भू-अर्जन में ही 282 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें 42 करोड़ रुपये रैयतों को मुआवजा देने पर खर्च होंगे।

गोड्डा परियोजना में भू-अर्जन की प्रक्रिया लगभग पूरी

गोड्डा-पीरपैंती लाइन में 60 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है। जैसे ही यह आंकड़ा 90 प्रतिशत तक पहुंचेगा, टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। रेलवे की योजना है कि सितंबर 2025 तक काम शुरू कर दिया जाए। यह लाइन भविष्य में एक वैकल्पिक रूट के तौर पर भी काम करेगी।

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आपातकाल में ट्रेन डायवर्ट करने में मिलेगी सुविधा

गोड्डा-पीरपैंती लाइन बन जाने के बाद यह तीसरा वैकल्पिक रूट बन जाएगा। इससे बाढ़, दुर्घटना या अन्य आपात स्थिति में ट्रेनों को डायवर्ट करने में सुविधा होगी और परिचालन बाधित नहीं होगा। यात्रियों को किसी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।

भागलपुर-दुमका रेलखंड का भी होगा दोहरीकरण

रेलवे की योजना के अंतर्गत भागलपुर-दुमका रेलखंड की 117 किलोमीटर सिंगल लाइन का दोहरीकरण भी प्रस्तावित है। इसके लिए भी भू-अर्जन की प्रक्रिया जारी है। 90 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण के बाद इस प्रोजेक्ट का टेंडर जारी किया जाएगा।

भागलपुर-जमालपुर रेल लाइन को भी मिलेगा नया विस्तार

इसी तरह भागलपुर से जमालपुर के बीच की रेल लाइन का भी विस्तार किया जाएगा, जहां पर तीसरी लाइन बिछाई जाएगी। इस परियोजना को रेलवे बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है और इसके लिए 53 किलोमीटर लंबी लाइन बिछाने पर करीब 1050 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है।

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यात्रियों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं और समय की बचत

इन सभी रेल परियोजनाओं के पूरा हो जाने से यात्रियों को अधिक संख्या में ट्रेनें मिलेंगी, उनकी यात्रा आसान और समयबद्ध होगी। रेलवे लाइनों का विस्तार न केवल मालगाड़ियों के संचालन को आसान बनाएगा बल्कि सवारी ट्रेनों की देरी की समस्या भी काफी हद तक हल हो जाएगी।बिहार और झारखंड के यात्रियों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। बड़हरवा से भागलपुर तक तीसरी और चौथी नई रेलवे लाइन बनाने की योजना को लेकर रेलवे बोर्ड को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) भेज दी गई है। इस रेल परियोजना की अनुमानित लागत 4879.63 करोड़ रुपये बताई गई है। रेलवे को उम्मीद है कि बोर्ड जल्द ही मंजूरी देगा, जिसके बाद रेलवे लाइन बिछाने की प्रक्रिया तेज हो जाएगी।

तीसरी और चौथी लाइन से मिलेगा दबाव से राहत

बड़हरवा-भागलपुर रेलखंड पर मालगाड़ियों और पैसेंजर ट्रेनों का दबाव लगातार बढ़ रहा है। फिलहाल इस रूट पर केवल दो लाइनें हैं और रोज़ाना 40-45 मालगाड़ियां गुजरती हैं, जिससे यात्रियों की ट्रेनों को लेट होने की समस्या झेलनी पड़ती है। नई दो पटरियों के जुड़ने के बाद इस रूट पर कुल चार लाइनें हो जाएंगी, जिससे ट्रेनों का संचालन आसान होगा और समय की भी बचत होगी।

258 किलोमीटर नई पटरियां बिछेंगी

इस परियोजना के तहत कुल 258 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बिछाई जाएगी। इसमें तीसरी और चौथी लाइनें शामिल होंगी, जिनकी लंबाई 129-129 किलोमीटर होगी। रेल मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता में रखा है और अगस्त-सितंबर 2025 से काम शुरू करने की योजना बनाई गई है।

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भू-अर्जन प्रक्रिया जारी, 100 करोड़ से अधिक खर्च का अनुमान

इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी चालू हो चुकी है। अनुमान है कि भू-अर्जन पर ही 100 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे। जमीन अधिग्रहण के पूरा होते ही रेलवे टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगा। इससे न केवल निर्माण में तेजी आएगी, बल्कि समय से पहले काम पूरा करने में भी मदद मिलेगी।

नई लाइनों से ट्रेनों की रफ्तार और संख्या दोनों बढ़ेगी

नई रेलवे लाइनों के बनने से एक्सप्रेस, सुपरफास्ट और पैसेंजर ट्रेनों की गति में वृद्धि होगी। साथ ही, हावड़ा, नॉर्थ-ईस्ट और अन्य क्षेत्रों के लिए नई ट्रेनों का संचालन भी किया जा सकेगा। इससे इस पूरे रूट पर यात्रियों को और अधिक विकल्प मिलेंगे और यात्रा अनुभव बेहतर होगा।

मालगाड़ियों का संचालन होगा अलग ट्रैक से

इस योजना का एक बड़ा फायदा यह होगा कि अब मालगाड़ियों और सवारी ट्रेनों के लिए अलग-अलग ट्रैक होंगे। अभी तक दोनों प्रकार की ट्रेनों को एक ही ट्रैक पर चलाना पड़ता है, जिससे देरी होती है। नए ट्रैकों से मालगाड़ियों का संचालन अलग से किया जाएगा, जिससे यात्रियों की ट्रेनों को समय पर चलाने में सुविधा होगी।

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गोड्डा-पीरपैंती नई रेलवे लाइन परियोजना भी तेज रफ्तार में

इसी के साथ एक और महत्वपूर्ण परियोजना पर काम जारी है – गोड्डा-पीरपैंती नई रेलवे लाइन योजना। इस योजना के तहत तीन फेज़ में लाइन बिछेगी:

  • गोड्डा से महगामा तक – 26 किलोमीटर
  • महगामा से मेहरमा तक – 21 किलोमीटर
  • मेहरमा से पीरपैंती तक – 10 किलोमीटर

इस पूरे प्रोजेक्ट पर भू-अर्जन में ही 282 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें 42 करोड़ रुपये रैयतों को मुआवजा देने पर खर्च होंगे।

गोड्डा परियोजना में भू-अर्जन की प्रक्रिया लगभग पूरी

गोड्डा-पीरपैंती लाइन में 60 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है। जैसे ही यह आंकड़ा 90 प्रतिशत तक पहुंचेगा, टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। रेलवे की योजना है कि सितंबर 2025 तक काम शुरू कर दिया जाए। यह लाइन भविष्य में एक वैकल्पिक रूट के तौर पर भी काम करेगी।

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आपातकाल में ट्रेन डायवर्ट करने में मिलेगी सुविधा

गोड्डा-पीरपैंती लाइन बन जाने के बाद यह तीसरा वैकल्पिक रूट बन जाएगा। इससे बाढ़, दुर्घटना या अन्य आपात स्थिति में ट्रेनों को डायवर्ट करने में सुविधा होगी और परिचालन बाधित नहीं होगा। यात्रियों को किसी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।

भागलपुर-दुमका रेलखंड का भी होगा दोहरीकरण

रेलवे की योजना के अंतर्गत भागलपुर-दुमका रेलखंड की 117 किलोमीटर सिंगल लाइन का दोहरीकरण भी प्रस्तावित है। इसके लिए भी भू-अर्जन की प्रक्रिया जारी है। 90 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण के बाद इस प्रोजेक्ट का टेंडर जारी किया जाएगा।

भागलपुर-जमालपुर रेल लाइन को भी मिलेगा नया विस्तार

इसी तरह भागलपुर से जमालपुर के बीच की रेल लाइन का भी विस्तार किया जाएगा, जहां पर तीसरी लाइन बिछाई जाएगी। इस परियोजना को रेलवे बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है और इसके लिए 53 किलोमीटर लंबी लाइन बिछाने पर करीब 1050 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है।

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यात्रियों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं और समय की बचत

इन सभी रेल परियोजनाओं के पूरा हो जाने से यात्रियों को अधिक संख्या में ट्रेनें मिलेंगी, उनकी यात्रा आसान और समयबद्ध होगी। रेलवे लाइनों का विस्तार न केवल मालगाड़ियों के संचालन को आसान बनाएगा बल्कि सवारी ट्रेनों की देरी की समस्या भी काफी हद तक हल हो जाएगी।

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