Gold Rate Today: बुधवार 26 मार्च 2025 को देशभर में सोने के दामों में गिरावट देखने को मिली है. यह लगातार तीसरा दिन है जब सोने की कीमतों में कमी आई है. इस समय जहां 24 कैरेट सोना 89,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के आस-पास कारोबार कर रहा है. वहीं 22 कैरेट सोने का भाव 81,800 रुपये से ऊपर दर्ज किया गया है. इस गिरावट के चलते उन लोगों को राहत मिली है जो सोने में निवेश करने या खरीदारी करने की सोच रहे थे.
चांदी के भाव में नहीं आया कोई बदलाव
आज चांदी की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. 26 मार्च 2025 को एक किलोग्राम चांदी का रेट ₹1,00,900 दर्ज किया गया, जो कल की कीमत के बराबर है. चांदी के दाम पिछले कुछ दिनों से स्थिर बने हुए हैं और इसमें कोई बड़ी तेजी या गिरावट देखने को नहीं मिली है.
दिल्ली-मुंबई सहित प्रमुख शहरों में सोने की कीमत
देश के प्रमुख शहरों में 24 कैरेट और 22 कैरेट सोने के दाम में हल्की गिरावट दर्ज की गई है. दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे बड़े बाजारों में आज का भाव इस प्रकार रहा:
शहर का नाम | 22 कैरेट सोने का रेट (₹/10 ग्राम) | 24 कैरेट सोने का रेट (₹/10 ग्राम) |
---|---|---|
दिल्ली | ₹81,990 | ₹89,430 |
मुंबई | ₹81,840 | ₹89,280 |
चेन्नई | ₹81,840 | ₹89,280 |
कोलकाता | ₹81,840 | ₹89,280 |
देशभर में औसतन 400 रुपये प्रति 10 ग्राम तक की गिरावट दर्ज की गई है. जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सोने के बाजार में फिलहाल कमजोरी बनी हुई है.
सोने की कीमतों में गिरावट की वजह क्या है?
सोने की कीमतों में आई गिरावट के पीछे कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कारण जिम्मेदार हैं:
- डॉलर की मजबूती: जब अमेरिकी डॉलर की कीमत मजबूत होती है, तो निवेशक डॉलर को प्राथमिकता देते हैं और सोने की मांग घट जाती है.
- वैश्विक बाजारों में कमजोरी: अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने के दामों में गिरावट आई है, जिससे भारत में भी असर पड़ा है.
- निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली: जब सोने की कीमत बढ़ती है, तो कई निवेशक मुनाफा कमाने के लिए उसे बेचने लगते हैं, जिससे बाजार में आपूर्ति बढ़ती है और दाम घट जाते हैं.
कैसे तय होते हैं भारत में सोने के दाम?
भारत में सोने की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं, जिनमें शामिल हैं:
- अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति – लंदन और न्यूयॉर्क जैसे प्रमुख सोने के बाजारों में कीमतें क्या चल रही हैं, इसका सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ता है.
- रुपये की स्थिति – डॉलर के मुकाबले रुपये की मजबूती या कमजोरी भी सोने की कीमत पर असर डालती है. जब रुपया कमजोर होता है तो आयात महंगा हो जाता है.
- सरकारी टैक्स और इम्पोर्ट ड्यूटी – भारत में सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी और जीएसटी लगाया जाता है. यदि सरकार इन टैक्स में बदलाव करती है तो सोने की कीमतें तुरंत प्रभावित होती हैं.
- स्थानीय मांग और त्योहारों का सीजन – शादी-ब्याह और त्योहारों के समय सोने की मांग बढ़ जाती है. जिससे इसकी कीमतें ऊपर जाती हैं.
क्या यह सोना खरीदने का सही समय है?
जो लोग लंबे समय से सोने की खरीददारी की योजना बना रहे हैं. उनके लिए यह समय फायदेमंद हो सकता है. लगातार तीसरे दिन सोने की कीमतों में आई गिरावट ने आम खरीदारों को राहत दी है. विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में अभी थोड़ी और नरमी रह सकती है. लेकिन त्योहार और शादियों का सीजन नजदीक आते ही फिर से मांग बढ़ेगी और कीमतों में उछाल आ सकता है.
सोना सिर्फ निवेश नहीं, भारतीय संस्कृति का हिस्सा है
भारत में सोना सिर्फ एक धातु नहीं, बल्कि परंपरा, भावनाओं और निवेश का प्रतीक है. चाहे बेटी की शादी हो, त्योहार हो या भविष्य के लिए बचत – सोने की अहमियत हमेशा बनी रहती है. हर साल करोड़ों लोग सोने में निवेश करते हैं. क्योंकि यह न केवल एक सुरक्षित निवेश विकल्प है. बल्कि समय के साथ इसकी कीमत बढ़ने की भी संभावना रहती है.
चांदी भी निवेश का अच्छा विकल्प
हालांकि आज चांदी के दाम स्थिर रहे हैं. लेकिन चांदी भी एक अच्छा निवेश विकल्प मानी जाती है. इलेक्ट्रॉनिक्स और इंडस्ट्रियल सेक्टर में इसके उपयोग के कारण इसकी मांग भविष्य में और बढ़ सकती है. एक किलोग्राम चांदी का रेट ₹1,00,900 पर स्थिर बना हुआ है. जो निवेशक कम बजट में धातु में निवेश करना चाहते हैं. उनके लिए चांदी एक मजबूत विकल्प हो सकता है.