बसों में सफर करने वालों के लिए बड़ा अलर्ट, अप्रैल में 4 दिन हो सकते है परेशानी Government Buses

Government Buses: पनबस-पीआरटीसी ठेका कर्मचारी यूनियन ने पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. यूनियन का कहना है कि हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा सत्र में सरकार ने कच्चे कर्मचारियों और परिवहन विभाग से जुड़ी मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया. जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार इस विभाग को लेकर गंभीर नहीं है.

यूनियन का आरोप है कि सरकार की नीतियां धीरे-धीरे निजीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में जा रही हैं, जो कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी है.

मुफ्त यात्रा योजना बनी वित्तीय बोझ

यूनियन नेताओं ने बताया कि राज्य सरकार ने महिलाओं के मुफ्त सफर के लिए 450 करोड़ रुपये का बजट तय किया है. लेकिन यूनियन का मानना है कि यह रकम मुश्किल से तीन महीने भी नहीं चलेगी.

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अगर यह योजना इसी तरह चलती रही तो अगले बजट से पहले तक सरकार पर 1000 करोड़ रुपये की देनदारी आ जाएगी. जिससे विभाग की आर्थिक हालत और खराब हो सकती है. यूनियन ने इस योजना को सोच-समझकर लागू न किया गया निर्णय बताया है.

विभाग पर 600-700 करोड़ की देनदारी

यूनियन का कहना है कि फिलहाल परिवहन विभाग पर पहले से ही 600 से 700 करोड़ रुपये की देनदारी है. जिसकी वजह से विभाग की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है.

नई बसें खरीदने की कोई योजना नहीं बन रही है. वहीं टायर, स्पेयर पार्ट्स और टिकट मशीनों की कमी की वजह से कई बसें खड़ी हैं. पनबस में तो टिकट मशीनें तक नहीं हैं. जिससे संचालन में दिक्कतें हो रही हैं.

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कच्चे कर्मचारियों को नहीं मिला स्थायी करने का वादा

सरकार को बने तीन साल से ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन अब तक कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

यूनियन के नेताओं का कहना है कि जुलाई 2024 में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यूनियन से मुलाकात कर एक महीने के भीतर समाधान का आश्वासन दिया था. इसके बाद फरवरी 2025 में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मीटिंग में 10 दिनों में नीति बनाने और कैबिनेट से पास कराने की बात कही गई. लेकिन अभी तक किसी भी वादे को अमलीजामा नहीं पहनाया गया.

1 अप्रैल को जालंधर बस स्टैंड पर होगी राज्य स्तरीय बैठक

कच्चे कर्मचारियों की अनदेखी से नाराज यूनियन ने 1 अप्रैल 2025 को जालंधर बस स्टैंड पर राज्य स्तरीय बैठक बुलाने का ऐलान किया है. इस बैठक में आगे की रणनीति बनाई जाएगी और पंजाब सरकार के खिलाफ विरोध की रूपरेखा तय की जाएगी.

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यूनियन ने साफ किया है कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा.

3 अप्रैल को बंद रहेंगे सभी बस स्टैंड

यूनियन ने आगे की योजना बताते हुए कहा कि 3 अप्रैल को पंजाब के सभी बस स्टैंड बंद रहेंगे. उस दिन प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. जिसमें यूनियन के सभी सदस्य और आम कर्मचारी शामिल होंगे.

सरकार और परिवहन विभाग के मैनेजमेंट के खिलाफ यह प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा. लेकिन इसका उद्देश्य सरकार को चेताना होगा कि अब और अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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7 से 9 अप्रैल तक प्रदेशव्यापी हड़ताल

यूनियन ने ऐलान किया है कि 7, 8 और 9 अप्रैल को पूरे पंजाब में हड़ताल की जाएगी. इस दौरान धरना-प्रदर्शन भी आयोजित किया जाएगा. जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री के आवास के बाहर भी विरोध दर्ज कराया जाएगा.

यूनियन ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द उनकी बात नहीं मानी, तो संघर्ष और लंबा और उग्र हो सकता है.

लोन लेकर बसें खरीदने पर भी सरकार का अड़ंगा

पनबस और पीआरटीसी को अपनी जरूरत के हिसाब से लोन लेकर नई बसें खरीदनी होती हैं. लेकिन यूनियन का आरोप है कि आम आदमी पार्टी की सरकार इस प्रक्रिया को मंजूरी नहीं दे रही.

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उनका मानना है कि सरकार धीरे-धीरे विभाग को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है. इसी योजना के तहत कुछ चहेते लोगों को किलोमीटर स्कीम के तहत प्राइवेट बसें चलाने की अनुमति दी जा रही है. जिसका यूनियन ने सख्त विरोध किया है.

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