3 दिन शराब दुकानें बंद रखने का आदेश जारी, शराब प्रेमियों को हो सकती है परेशानी Liquor Shops Closed

Liquor Shops Closed: पंजाब के फिरोजपुर जिले के गांव माइसरखाना में 2 अप्रैल से 4 अप्रैल 2025 तक आयोजित होने वाले धार्मिक मेले को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने बड़ा और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. जिला मैजिस्ट्रेट शौकत अहमद परे ने पंजाब आबकारी अधिनियम के तहत प्राप्त अधिकारों का उपयोग करते हुए आदेश जारी किए हैं कि माइसरखाना गांव की सीमा में देसी और अंग्रेजी शराब की सभी दुकानें इन तीन दिनों के लिए बंद रहेंगी.

श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत होने से रोकने की पहल

यह निर्णय इसलिए लिया गया है. क्योंकि मेले के दौरान क्षेत्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं. ऐसे समय में अगर शराब की बिक्री जारी रहती है तो कई लोग इसका दुरुपयोग कर सकते हैं, जिससे धार्मिक माहौल खराब होने का खतरा रहता है. अक्सर ऐसे आयोजनों में कुछ असामाजिक तत्व शराब के नशे में अशांति या विवाद खड़ा कर सकते हैं, जिससे न केवल मेले की गरिमा भंग होती है. बल्कि श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाएं भी आहत होती हैं. इस जोखिम को देखते हुए प्रशासन ने पहले से ही यह रोकथामात्मक कदम उठाया है.

आदेशों का उल्लंघन करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

जिला मैजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति या संस्था 2 से 4 अप्रैल तक इस क्षेत्र में शराब की बिक्री नहीं कर सकेगी. यदि कोई व्यक्ति इन आदेशों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस दौरान पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीमें निगरानी रखेंगी ताकि कोई दुकान चोरी-छिपे बिक्री न कर सके. पुलिस थानों को निर्देश दे दिए गए हैं कि वे क्षेत्र में नियमित गश्त करें और किसी भी प्रकार की गैरकानूनी गतिविधि पर तुरंत रोक लगाएं.

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मेले में उमड़ती है आस्था की भीड़

गांव माइसरखाना का धार्मिक मेला पंजाब का एक प्रमुख आयोजन माना जाता है. यह मेला वर्षों से स्थानीय समाज के लिए श्रद्धा, आस्था और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक रहा है. इस आयोजन में सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं, बल्कि दूर-दराज़ के शहरों और गांवों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं. मेले के दौरान धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन, लंगर सेवा और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. ऐसे आयोजनों में शांति और मर्यादा बनाए रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है.

अमन और सौहार्द बनाए रखने की जिम्मेदारी प्रशासन की

जिला प्रशासन का यह फैसला इस बात की ओर इशारा करता है कि धार्मिक आयोजनों के दौरान अमन, सौहार्द और शांति बनाए रखना उनकी शीर्ष प्राथमिकता है. माइसरखाना मेला सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं. बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने का अवसर है. प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि कोई भी नशा या अनुचित गतिविधि इस माहौल को बिगाड़ने में सफल न हो सके.

स्थानीय दुकानदारों और शराब कारोबारियों से सहयोग की अपील

प्रशासन ने इस दौरान क्षेत्र में स्थित शराब कारोबारियों और ठेकेदारों से सहयोग की अपील की है. उनसे कहा गया है कि वे आदेशों का पालन करें और प्रशासन की इस पहल में सामाजिक ज़िम्मेदारी का निर्वहन करें. इस तरह की कार्रवाई अस्थायी है और सिर्फ तीन दिनों के लिए लागू की गई है. जिससे धार्मिक आयोजन में बाधा न आए और सभी लोग सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण में मेला मना सकें.

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कानूनी आधार पर लिया गया निर्णय

यह आदेश पंजाब आबकारी अधिनियम के तहत कानूनी रूप से वैध है. अधिनियम की धारा के अंतर्गत जिला मैजिस्ट्रेट को यह अधिकार है कि वह किसी विशेष परिस्थिति या आयोजन के दौरान शराब की बिक्री पर रोक लगा सके. इस आदेश से यह संदेश भी जाता है कि सरकार और प्रशासन धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हैं और ऐसे आयोजनों को गरिमा और शांति के साथ सम्पन्न कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

स्थानीय लोगों ने जताया समर्थन

इस आदेश पर स्थानीय नागरिकों और समाजसेवियों ने प्रशासन के निर्णय का स्वागत किया है. लोगों का कहना है कि धार्मिक आयोजनों के दौरान इस प्रकार की रोक जरूरी है ताकि शांति बनी रहे और युवा वर्ग नशे से दूर रहे. गांव के बुजुर्गों और धार्मिक नेताओं ने भी प्रशंसा की कि प्रशासन ने समय रहते सही फैसला लिया और सभी से अपील की कि वे इसका पूरी तरह समर्थन करें.

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