Vehicle Strict Action: पंजाब में सड़क सुरक्षा को लेकर ट्रैफिक पुलिस ने अब सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. राज्य के कई जिलों में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें बिना कागजात, ओवरलोडिंग और ट्रैफिक बाधित करने वाले वाहनों पर शिकंजा कसा जा रहा है. बठिंडा जिले में इस मुहिम के तहत दो दर्जन से अधिक वाहनों को जब्त (बाउंड) किया गया और दर्जनों चालान काटे गए हैं. ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों ने साफ किया है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा.
बठिंडा में बड़ी कार्रवाई
बठिंडा जिले में ट्रैफिक पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में 7 ऑटो और 20 ई-रिक्शा ऐसे पकड़े गए जो बिना आर.सी. और वैध दस्तावेजों के चल रहे थे. ऐसे वाहनों को तुरंत बाउंड कर दिया गया और चालकों पर चालान की कार्रवाई की गई. पुलिस ने इस अभियान के दौरान 3 दर्जन से अधिक ऑटो और ई-रिक्शा के चालान भी काटे. जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि अब बिना दस्तावेज सड़कों पर वाहन चलाना आसान नहीं होगा.
ट्रैफिक इंचार्ज बोले – नियम तोड़ने वालों पर नजर
बठिंडा ट्रैफिक पुलिस इंचार्ज गुरमीत सिंह ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस विशेष निगरानी रख रही है, खासकर उन चालकों पर जो ओवरलोडिंग करते हैं और सड़कों पर ट्रैफिक जाम का कारण बनते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि कई ऑटो डीलर बिना दस्तावेजों की जांच के सिर्फ ₹5000 में किस्तों पर ऑटो बेच रहे हैं, जबकि आर.सी. और लाइसेंस की जिम्मेदारी भी खुद ही लेते हैं. ऐसे में चालकों को वाहन मिल तो जाता है. लेकिन वैध कागजात न होने के कारण वो नियमों की अवहेलना करते हैं.
जल्द डीलरों पर भी होगी कार्रवाई
ट्रैफिक इंचार्ज गुरमीत सिंह ने कहा कि यह समस्या केवल चालकों तक सीमित नहीं है. इसके पीछे कुछ ऑटो डीलर्स की लापरवाही और गैरकानूनी गतिविधियां भी जिम्मेदार हैं. जल्द ही इस मुद्दे को लेकर उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी और डीलरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. उद्देश्य यह है कि जो वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं. वे पूरी तरह वैध और दस्तावेजयुक्त हों.
ऑटो यूनियन ने उठाई बाहरी चालकों की समस्या
ऑटो चालकों की यूनियन की ओर से मलकीत सिंह ने प्रशासन के समक्ष अपनी समस्याएं रखीं. उन्होंने बताया कि बाहरी राज्यों से हजारों की संख्या में ई-रिक्शा चालक बठिंडा में आ गए हैं. जिससे सवारियों को लेकर झगड़े और विवाद बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्थानीय चालकों का रोजगार छीना जा रहा है और प्रशासन को चाहिए कि वह ई-रिक्शा की संख्या पर नियंत्रण लगाए.
बेरोजगारी बना रही ऑटो चलाना मजबूरी
मलकीत सिंह ने बताया कि बठिंडा में थर्मल प्लांट, वर्धमान फैक्ट्री और स्पिन मिल जैसे बड़े उद्योग बंद हो चुके हैं. जिससे हजारों लोगों की नौकरियां छिन गई हैं. रोजगार के अभाव में ये लोग ऑटो रिक्शा चलाने पर मजबूर हो गए हैं. लेकिन लोन लेकर खरीदे गए इन वाहनों की आर.सी. गिरवी होने के कारण RTO दफ्तर में हजारों केस लंबित हैं. उन्होंने सरकार से मांग की कि नए उद्योग स्थापित किए जाएं ताकि बेरोजगारी कम हो और लोगों को विकल्प मिले.
प्रशासन और चालकों के बीच समन्वय है जरूरी
जहां एक तरफ ट्रैफिक पुलिस सड़कों पर व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठा रही है. वहीं दूसरी तरफ ऑटो चालकों की परेशानियों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. समस्या का स्थायी समाधान तभी निकल सकता है जब प्रशासन और ऑटो चालकों के प्रतिनिधियों के बीच संवाद और समन्वय हो. यदि प्रशासन चालकों को समय रहते कागजी कार्रवाई पूरी करने में सहयोग दे और डीलर्स पर सख्ती करे, तो ट्रैफिक व्यवस्था सुधर सकती है.
सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता भी जरूरी
ट्रैफिक नियमों का पालन सिर्फ पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है. हर वाहन चालक की जिम्मेदारी है कि वह नियमों का पालन करे, वैध दस्तावेज साथ रखे और सड़कों पर संयम से चले. यदि सभी मिलकर इस दिशा में काम करें तो न केवल सड़कों पर व्यवस्था बनेगी. बल्कि दुर्घटनाएं और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं भी कम होंगी.