Wheat Govt Procurement: गोहाना और आसपास के गांवों में गेहूं की फसलें पूरी तरह पककर तैयार हो चुकी हैं, और किसानों ने फसल की कटाई का काम भी शुरू कर दिया है. खेतों में अब ट्रैक्टर और हार्वेस्टर की आवाज सुनाई देने लगी है. किसान दिन-रात मेहनत कर रहे हैं ताकि फसल को समय रहते मंडियों तक पहुंचाया जा सके. बताया जा रहा है कि कटाई का यह कार्य अप्रैल के अंत तक चलेगा. इससे पहले ही सरकारी खरीद की प्रक्रिया 1 अप्रैल से शुरू हो जाएगी. जिसके लिए तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
1 अप्रैल से प्रदेशभर में शुरू होगी गेहूं की सरकारी खरीद
हरियाणा सरकार ने पूरे प्रदेश की अनाज मंडियों में 1 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू करने की घोषणा की है. इसके लिए राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने रणनीति बना ली है. खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी और सुचारु बनाने के लिए खरीद एजेंसियों, आढ़तियों और किसानों के बीच समन्वय बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है.
गोहाना में 52 हजार हेक्टेयर में हुई थी गेहूं की बिजाई
गोहाना एसडीएम अंजली ने जानकारी देते हुए बताया कि गोहाना क्षेत्र में इस बार लगभग 52 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुवाई हुई थी. अब फसल पूरी तरह पक चुकी है और कई किसानों ने कटाई शुरू कर दी है. सरकार और प्रशासन की योजना है कि किसानों को फसल बेचने में कोई भी दिक्कत न हो और उन्हें उनकी उपज का समुचित मूल्य समय पर मिल सके.
गोहाना और गांवों में बनाए गए आठ खरीद केंद्र
फसल खरीद को व्यवस्थित और आसान बनाने के लिए गोहाना अनाज मंडी के अलावा आसपास के बड़े गांवों में आठ परचेज सेंटर बनाए गए हैं. इसका उद्देश्य है कि सभी किसानों को नजदीक में ही सुविधा मिले और उन्हें लंबी दूरी तय कर मंडी तक न आना पड़े. इससे ना केवल समय की बचत होगी. बल्कि मंडी में भीड़भाड़ भी कम होगी.
खरीद एजेंसियां होंगी जिम्मेदार
गोहाना अनाज मंडी में तीन बड़ी सरकारी एजेंसियां—FCI (फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया), हैफेड और HWC (हरियाणा वेयरहाउस कॉर्पोरेशन) फसल की खरीद का जिम्मा संभालेंगी. ये एजेंसियां किसानों से सीधे फसल खरीदेंगी और बाद में उसका भंडारण व वितरण करेंगी. प्रशासन की ओर से सभी एजेंसियों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि किसानों को किसी तरह की परेशानी ना हो.
मंडियों में मिलेगी सभी मूलभूत सुविधाएं
गोहाना एसडीएम ने बताया कि मंडियों और खरीद केंद्रों पर स्वच्छ पेयजल, साफ-सफाई, शौचालय, बिजली और छाया की उचित व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा किसानों के ठहरने और अनाज को ढकने के लिए पर्याप्त टारपोलिन व साधन उपलब्ध कराए जाएंगे. मंडियों में आने वाले किसानों की सुविधा के लिए नोडल अधिकारी भी तैनात रहेंगे.
लाइसेंस रिन्यूअल अब सुविधाओं के आधार पर
इस बार प्रशासन ने आढ़तियों के लाइसेंस रिन्यूअल को नई शर्तों से जोड़ा है. अब मंडी में व्यापार करने वाले आढ़तियों को तभी लाइसेंस मिलेगा जब उनके पास किसानों के लिए जरूरी सभी सुविधाएं मौजूद होंगी. यानी पेयजल, बैठने की व्यवस्था, छाया और सफाई की सुविधा अनिवार्य कर दी गई है. यह कदम किसानों की सुविधा और मंडी व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए उठाया गया है.
मंडी में भीड़ को लेकर बनेगी रणनीति
एसडीएम ने सभी खरीद एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि वे अनुमानित फसल आवक का सही आकलन करें और उसी के आधार पर अपनी रणनीति बनाएं ताकि मंडी में अनावश्यक भीड़ न हो. फसल की आवक बढ़ने से पहले ही मंडी और खरीद केंद्रों की साफ-सफाई, रंग-रोगन और मरम्मत का कार्य पूरा करने को कहा गया है. यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि फसल आते ही उसकी खरीद में देरी न हो.
धान की खरीद बंद कर गेहूं पर रहेगा फोकस
1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू होने जा रही है. इसीलिए अप्रैल के पहले सप्ताह से आढ़तियों को धान की खरीद बंद करने के निर्देश दे दिए गए हैं. इससे मंडी में केवल गेहूं पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा और कोई अव्यवस्था न फैले. गोहाना अनाज मंडी में गेहूं की आवक अप्रैल के पहले सप्ताह से शुरू होने की संभावना है.