UP Weather Forecast उत्तर भारत में गर्मी के बीच एक बार फिर से मौसम बदलने जा रहा है। 10 अप्रैल 2025 से पंजाब और हरियाणा के तराई इलाकों में मौसम में बदलाव की शुरुआत होगी। मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि यह सिस्टम 10 अप्रैल को पश्चिम और उत्तर राजस्थान तक पहुंच जाएगा, जिससे हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना है।
11 अप्रैल को मौसम गतिविधियां रहेंगी अपने चरम पर
11 अप्रैल को यह मौसम प्रणाली अपने चरम पर होगी। इस दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में गरज-चमक के साथ भारी बारिश होने की संभावना है। साथ ही, तेज हवाएं और कुछ स्थानों पर ओले गिरने की भी चेतावनी दी गई है। यह स्थिति किसानों और आम लोगों दोनों के लिए सतर्क रहने का संकेत है।
12 अप्रैल को बदलेगा असर का क्षेत्र
12 अप्रैल को यह सिस्टम पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से निकल जाएगा, लेकिन दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तर मध्य प्रदेश में बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी। इसका मतलब यह है कि इन राज्यों में दो दिनों तक लगातार मौसम का उतार-चढ़ाव बना रहेगा।
इन राज्यों में भारी बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट
मौसम विभाग ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के लिए विशेष चेतावनी जारी की है।
इन जिलों में बारिश और बिजली गिरने की आशंका है:
- पंजाब: अमृतसर, पठानकोट, बठिंडा, फिरोजपुर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला
- हरियाणा: अंबाला, हिसार, रोहतक, सिरसा, करनाल
- दिल्ली NCR: दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, गाज़ियाबाद
- उत्तर प्रदेश: मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, बुलंदशहर – यहां ओलावृष्टि की भी संभावना जताई गई है
उत्तर भारत में गर्मी ने पकड़ी रफ्तार, पारा 40 पार
बारिश की चेतावनी से पहले उत्तर भारत में गर्मी अपने चरम पर पहुंच रही है।
राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में कई जगहों पर तापमान 41 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रिकॉर्ड किया गया है।
- हरियाणा: रोहतक, हिसार, सिरसा, नारनौल – 41°C से ऊपर
- पंजाब: अमृतसर, लुधियाना, पटियाला – 38°C से अधिक
- बठिंडा: पंजाब में सबसे गर्म, 41.9°C रिकॉर्ड किया गया
यह तापमान सामान्य से काफी अधिक है और तेज गर्मी के साथ लू की स्थिति बनी हुई है।
प्री-मानसून गतिविधियों की दस्तक
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बदलाव प्री-मानसून गतिविधियों की शुरुआत की तरफ इशारा करता है। उत्तर भारत में लगातार बढ़ती गर्मी और नमी के कारण वातावरण में तेजी से बदलाव हो रहा है।
इन गतिविधियों के पीछे दो प्रमुख मौसम प्रणाली सक्रिय हैं:
- पश्चिमी विक्षोभ – जो उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में सक्रिय है
- प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण – जो 9 अप्रैल को पंजाब और राजस्थान की सीमा पर बना है
इन दोनों के संयुक्त प्रभाव से 10 से 12 अप्रैल के बीच गरज-चमक, बारिश और ओले गिरने की घटनाएं देखने को मिलेंगी।
किसानों के लिए जरूरी चेतावनी
इस मौसम परिवर्तन का किसानों पर खास असर पड़ेगा।
गेहूं, सरसों और सब्जियों की फसलें अभी खेतों में हैं और ओलावृष्टि या तेज बारिश उन्हें नुकसान पहुंचा सकती है।
मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि:
- फसलों को कटाई के बाद ढक कर रखें
- जहां संभव हो, कटाई प्रक्रिया में तेजी लाएं
- मौसम पूर्वानुमान पर लगातार नजर बनाए रखें