हरियाणा में सरकारी स्कूलों से बच्चों का स्कूल छोड़ना एक बड़ी समस्या बन चुकी है. इस समस्या के समाधान के लिए शिक्षा विभाग ने इस नए शैक्षणिक सत्र में सभी ड्रॉप आउट बच्चों को स्कूल में वापस लाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है. इस कड़ी में, विभाग की ओर से विशेष अभियान चलाकर 34 हजार बच्चों को ढूंढ़ने और उन्हें दोबारा स्कूल में दाखिल कराने की योजना बनाई गई है.
प्रवेश उत्सव के माध्यम से संभावनाओं की खोज
प्रवेश उत्सव के तहत, शिक्षक गांव-गांव, वार्ड-वार्ड और गली-मोहल्ले में जाकर ड्रॉप आउट बच्चों को ढूंढ़ने का काम कर रहे हैं. इस दिशा में शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों को विशेष निर्देश दिए गए हैं और बच्चों की सूची भी उपलब्ध कराई गई है, जिससे उन्हें यह पता चल सके कि कौन से बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं.
निरीक्षण और रिपोर्टिंग
शीतकालीन अवकाश के दौरान आयोजित किए गए सर्वेक्षण में जुटाई गई जानकारी के आधार पर, शिक्षा विभाग ने एक पोर्टल पर ड्रॉप आउट बच्चों की जानकारी जिलावार तरीके से अपलोड की है. शिक्षकों को 15 अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट निदेशालय को प्रस्तुत करनी होगी, जिसमें उन्हें बताना होगा कि उन्होंने कितने बच्चों को वापस स्कूल में दाखिल कराया है.
शिक्षकों का स्थानांतरण और प्रशिक्षण
शिक्षा विभाग जल्द ही शिक्षकों के ऑनलाइन स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू करेगा, जिसमें सभी पीजीटी शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को एमआईएस पोर्टल पर अपनी जानकारी अपडेट करनी होगी. यह प्रक्रिया शिक्षकों को उनके वांछित स्थान पर स्थानांतरित करने में मदद करेगी, जिससे वे अधिक कुशलता से कार्य कर सकेंगे.