Vivah Shubh Muhurat: हिन्दू धर्म में शुभ मुहूर्त की अवधारणा बहुत ही महत्वपूर्ण होती है. विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, और मुंडन जैसे मांगलिक कार्य हमेशा शुभ मुहूर्त में ही किए जाते हैं. 14 अप्रैल से इन मांगलिक कार्यों के लिए विशेष मुहूर्त आरंभ हो रहे हैं जो कि ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार अत्यंत शुभ माने जा रहे हैं.
विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए शुभ समय
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस वर्ष अप्रैल और मई महीने में कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं. विशेष रूप से विवाह के लिए यह समय अनुकूल रहेगा. सूर्य देव जब गुरु की राशि धनु और मीन में प्रवेश करते हैं, उस समय कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होता है क्योंकि उनका प्रभाव कम हो जाता है. इसके विपरीत, जब सूर्य और गुरु दोनों शुभ स्थिति में होते हैं, तो विवाह जैसे कार्यों के लिए यह समय उत्तम माना जाता है.
अगले महीनों में विवाह के लिए शुभ दिन
इस वर्ष के लिए विवाह के लगभग 76 शुभ मुहूर्त हैं. इनमें से मई महीने में सबसे अधिक विवाह के लिए शुभ दिन हैं. अप्रैल में 14, 15, 18, 20, 25, 29 और 30 तारीख को शुभ मुहूर्त हैं. जून महीने में 1, 2, 3, 4, 5 और 7 तारीख को भी शुभ मुहूर्त हैं.
चातुर्मास के दौरान मांगलिक कार्यों में विराम
6 जुलाई से चातुर्मास आरंभ होगा जो कि नवंबर तक चलेगा. इस दौरान किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्यों को नहीं किया जाता है. चातुर्मास समाप्ति के पश्चात, नवंबर माह से फिर से शुभ मुहूर्त आरंभ होंगे. नवंबर में 18, 21, 22, 23, 25, 30 और दिसंबर में 4, 5, 6 दिन शुभ हैं.
इस प्रकार, हिन्दू धर्म में मुहूर्त की महत्वपूर्ण भूमिका है, और इसे मानने से मान्यता है कि कार्यों में सफलता और शुभता आती है.