ऑटो से स्कूल जाने वाले स्टूडेंट्स के लिए बड़ी खबर, ऑटो चालकों के लिए खास निर्देश Administration Allowed Auto

Administration Allowed Auto: पटना में स्कूल जाने वाले बच्चों और उनके माता-पिता के लिए बड़ी खबर आई है. लंबे समय से चली आ रही समस्याओं के बाद अब स्थानीय ऑटो चालकों को बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने की अनुमति दे दी गई है. यह निर्णय एडीजी ट्रैफिक और ऑटो संघ के बीच हुई वार्ता के बाद लिया गया है. हालांकि, ई-रिक्शा चालकों पर यह प्रतिबंध अभी भी जारी रहेगा. इस निर्णय से जहां एक ओर ऑटो चालकों की समस्या का समाधान हुआ है, वहीं अभिभावकों की चिंताएं भी कम हुई हैं.

ऑटो और ई-रिक्शा पर प्रतिबंध की वजह

पटना में बढ़ते ट्रैफिक हादसों और असुरक्षित यात्रा के कारण पुलिस मुख्यालय ने एक अप्रैल से ऑटो और ई-रिक्शा के जरिए स्कूली बच्चों को लाने और ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस कदम से जहां ऑटो चालकों में नाराजगी थी, वहीं अभिभावक भी इस बदलाव से परेशान थे. बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय जरूरी था, लेकिन इससे रोजमर्रा की यात्रा पर असर पड़ रहा था.

समझौते की ओर पहला कदम

ऑटो चालकों के विरोध और अभिभावकों की बढ़ती परेशानियों को देखते हुए, यातायात पुलिस ने नौ अप्रैल तक इस मामले में कोई सख्त कार्रवाई न करने का निर्णय लिया. इस दौरान, यातायात पुलिस और ऑटो संघ के बीच विस्तृत चर्चाएं हुईं, जिसके फलस्वरूप ऑटो चालकों के लिए कुछ रियायतें दी गईं. इस समय का उपयोग करके दोनों पक्षों ने सुरक्षा मानकों पर सहमति व्यक्त की, जिससे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.

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नए सुरक्षा मानक और जीपीएस सिस्टम की जरूरत

समझौते के अनुसार, एक मई तक सभी ऑटो चालकों को अपने वाहनों में कुछ जरूरी बदलाव करने होंगे. इनमें वाहन का एक दरवाजा हमेशा बंद रखना, वाहन में बच्चों की संख्या को सीमित रखना और ‘ऑन स्कूल ड्यूटी’ का बोर्ड लगाना शामिल है. इसके अलावा, एक जून तक सभी ऑटो में जीपीएस सिस्टम, स्पीडोमीटर और अन्य सुरक्षा उपकरणों को लगाना अनिवार्य होगा. इससे न केवल बच्चों की यात्रा सुरक्षित होगी, बल्कि ट्रैफिक नियमों का पालन भी सुनिश्चित हो सकेगा.

समाज और प्रशासन के बीच समन्वय की मिसाल

यह निर्णय पटना के समाज और प्रशासन के बीच सहयोग की एक मिसाल प्रस्तुत करता है. यह दिखाता है कि समुदाय की समस्याओं को समझने और उन्हें हल करने में जब प्रशासन सक्रिय रूप से भाग लेता है, तो सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं. यह निर्णय न केवल ऑटो चालकों के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि बच्चों की सुरक्षा को किसी भी कीमत पर अनदेखा न किया जाए.

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