Cheeni Shakkar Differnce: दुनिया भर में चीनी का उपयोग लगभग हर किसी द्वारा किया जाता है. भारत में आमतौर पर लोग चीनी को ‘शक्कर’ के नाम से भी जानते हैं लेकिन वास्तव में चीनी और शक्कर दोनों अलग-अलग उत्पाद हैं. यह जानना महत्वपूर्ण है कि दोनों के निर्माण प्रक्रिया और स्वास्थ्य पर असर में क्या अंतर है.
चीनी निर्माण प्रक्रिया
चीनी को बनाने के लिए क्रिस्टलीकरण प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है. इस प्रक्रिया में गन्ने के रस को पहले साफ किया जाता है, जिसमें फॉस्फेट और चूने जैसे रसायनों का इस्तेमाल होता है. इसके बाद, रस को गरम करके वाष्पित किया जाता है ताकि चीनी के क्रिस्टल बन सकें. ये रसायनिक तत्व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं, क्योंकि इनके सेवन से दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
शक्कर की प्राकृतिक और ऑर्गेनिक प्रक्रिया
दूसरी ओर, शक्कर जिसे गुड़ भी कहा जाता है, 100% ऑर्गेनिक होता है. इसके निर्माण में गन्ने के रस को गाढ़ा करने के लिए उसे उबाला जाता है. इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के रासायनिक तत्वों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. उबालने के बाद, गन्ने का रस ठंडा किया जाता है और फिर बारीक पीसा जाता है, जिससे शक्कर बनती है. यह प्रक्रिया शक्कर को स्वास्थ्यवर्धक बनाती है क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से सभी आवश्यक खनिजों और विटामिनों को संरक्षित करती है.
स्वास्थ्य पर प्रभाव और उपभोक्ता की पसंद
चूंकि शक्कर में किसी भी प्रकार के रसायनों का उपयोग नहीं होता है, इसलिए यह चीनी की तुलना में स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभदायक माना जाता है. शक्कर का उपयोग न केवल पारंपरिक मिठाइयों में किया जाता है बल्कि इसे दैनिक आहार में भी शामिल किया जा सकता है ताकि चीनी के हानिकारक प्रभावों से बचा जा सके.