MSP से भी महंगे भाव में किसान बेच रहे गेंहु, किसानों की हुई मौज तो सरकार की बढ़ी टेन्शन Wheat Mandi

Wheat Mandi: गेहूं की खरीदारी के लिए जिले में 26 सरकारी क्रय केंद्र सक्रिय हैं लेकिन बीस दिनों के बाद भी मात्र 30 कुंतल गेहूं की ही खरीद हो पाई है. इस वर्ष खरीद प्रक्रिया 17 मार्च से शुरू की गई थी जो पहले 1 मार्च से शुरू होनी थी. गेहूं की फसल में आई देरी के कारण इसमें देरी हुई.

सरकारी और बाजार मूल्य में समानता

सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति कुंतल है, जो कि बाजार मूल्य के आसपास है. इस समानता के कारण, किसानों ने सरकारी क्रय केंद्रों की बजाय खुले बाजार में गेहूं बेचना ज्यादा फायदेमंद पाया है, क्योंकि वहां उन्हें बिना किसी देरी के नकद भुगतान मिल रहा है.

किसानों की उदासीनता और पंजीकरण में कमी

जिले में अब तक केवल 159 किसानों ने ही गेहूं बेचने के लिए पंजीकरण कराया है. किसानों की इस उदासीनता का मुख्य कारण सरकारी केंद्रों पर लंबी प्रक्रिया और भुगतान में होने वाली देरी है.

यह भी पढ़े:
रीट परीक्षा Gen, OBC, SC, ST केटेगरी की कट ऑफ, यहाँ देखें केटेगरीवाइज पूरी डिटेल REET cut off marks 2025

खरीद लक्ष्य और मौजूदा प्रगति

इस रवि विपणन वर्ष के लिए सरकार ने 17500 मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है. 26 क्रय केंद्रों की स्थापना की गई है, जिसमें दनकौर में नौ, जेवर में दस और दादरी में सात केंद्र शामिल हैं. फिर भी, मंडी में गेहूं के दाम 2375 से 2450 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं, जिससे किसानों का रुझान व्यापारियों की ओर बढ़ गया है.

सरकारी क्रय केंद्रों की भुगतान प्रणाली

सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों को पहले पंजीकरण करवाना पड़ता है और बिक्री के बाद 24 से 72 घंटे में भुगतान किया जाता है. यह प्रक्रिया किसानों के लिए जटिल और समय लेने वाली है, जिसके कारण वे सीधे बाजार में गेहूं बेचना पसंद कर रहे हैं.

यह भी पढ़े:
22 अप्रैल सुबह औंधे मुंह गिरा सोने का भाव, जाने 24 कैरेट सोने की नई कीमत Gold Silver Price

Leave a Comment

WhatsApp Group