Govt Notice For Farmer: हरियाणा सरकार ने गेहूं की कटाई के बाद फसल अवशेषों को जलाने वाले किसानों पर नियंत्रण रखने के लिए 70 टीमों की गठन की है. यह कदम फसल अवशेष जलाने की समस्या को रोकने के लिए उठाया गया है जो कि पर्यावरणीय और जमीनी स्तर पर बड़ी हानि पहुंचाती है.
फसल अवशेष जलाने के परिणाम
फसलों की कटाई के बाद बचे अवशेषों को जलाना एक प्रचलित लेकिन हानिकारक प्रथा है जिससे न केवल पर्यावरण प्रदूषित होता है बल्कि जमीन की उर्वरता भी कम होती है. करनाल कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह के अनुसार इससे जमीन की उपजाऊ शक्ति कम होती है और धुएं के कारण दृष्टिगत समस्याएं और यातायात हादसे बढ़ जाते हैं.
कार्रवाई और जुर्माने की व्यवस्था
फसल अवशेषों में आग लगाने पर सरकार ने 30 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान रखा है. यह जुर्माना उन किसानों पर लगाया जाएगा जो सरकारी नियमों का उल्लंघन करते हुए फसल अवशेष जलाते पाए जाएंगे.
निगरानी और संवाद के लिए टीमों का गठन
इस समस्या पर नजर रखने के लिए और किसानों के साथ संवाद स्थापित करने के लिए सरकार ने 70 टीमों का गठन किया है. ये टीमें गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक करेंगी और उन्हें फसल अवशेष न जलाने के लिए प्रेरित करेंगी. यदि किसान इस नियम का उल्लंघन करते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी.
किसानों से अपील
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे फसल अवशेष जलाने की प्रथा को त्याग दें और उन्हें बेहतर और सुरक्षित तरीके से नष्ट करने की दिशा में काम करें. इससे न केवल उनकी जमीन की उर्वरता बढ़ेगी बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा में भी योगदान दिया जा सकेगा.
जागरूकता और शिक्षा का महत्व
सरकार और कृषि विभाग ने किसानों के बीच जागरूकता और शिक्षा के प्रसार पर जोर दिया है. फसल अवशेष जलाने के नुकसान के बारे में किसानों को शिक्षित करने से उनमें इस हानिकारक प्रथा को छोड़ने की प्रवृत्ति बढ़ेगी. इस दिशा में किसानों को सही मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान करना इस समस्या के समाधान की कुंजी होगी.
इस प्रकार, हरियाणा सरकार की यह पहल न केवल पर्यावरण की रक्षा में मदद करेगी बल्कि किसानों को भी उनके खेती की प्रक्रिया को सुधारने में सहायता प्रदान करेगी.