नवरात्रि के पहले दिन 24 कैरेट सोना हुआ महंगा, 90 हजार के पार पहुंची सोने की कीमतें Sona Chandi Ka Bhav

Sona Chandi Ka Bhav: नवरात्रि जैसे शुभ पर्व की शुरुआत के साथ ही देशभर में सोने की खरीदारी बढ़ जाती है, क्योंकि लोग इसे सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक मानते हैं. लेकिन इस बार बाजार में एक अलग ही माहौल देखने को मिल रहा है. नवरात्रि के साथ-साथ सोने के दाम भी लगातार चढ़ते जा रहे हैं. बीते पांच दिनों से लगातार तेजी के चलते लोगों के मन में यह सवाल उठने लगा है कि क्या गोल्ड की कीमत ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच जाएगी?

उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रहे गोल्ड रेट

उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों – लखनऊ, कानपुर, आगरा और मेरठ में 30 मार्च 2025 को सोने के ताजा रेट इस प्रकार रहे:

  • 18 कैरेट सोना – ₹68,530 प्रति 10 ग्राम
  • 22 कैरेट सोना – ₹83,750 प्रति 10 ग्राम
  • 24 कैरेट सोना – ₹91,350 प्रति 10 ग्राम

यह कीमतें पिछले हफ्ते के मुकाबले ₹1,200 से ₹1,500 प्रति 10 ग्राम तक बढ़ चुकी हैं, जो आम खरीदारों के लिए एक बड़ी चिंता बनती जा रही है.

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ध्यान दें: ये रेट शहर और ज्वेलर्स के अनुसार थोड़ा-बहुत अलग हो सकते हैं.

बीते दस साल में छह गुना तक बढ़े हैं सोने के दाम

अगर हम पिछले 10 वर्षों के आंकड़े देखें, तो सोने की कीमतों में भारी उछाल दर्ज किया गया है. एक दशक पहले जो सोना ₹15,000 से ₹20,000 प्रति 10 ग्राम के बीच मिलता था. आज वही ₹90,000 के पार पहुंच चुका है. विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 की पहली छमाही में भी गोल्ड रेट में गिरावट की संभावना बेहद कम है, और मांग के चलते इसके और महंगे होने की पूरी आशंका है.

सोने के दाम बढ़ने के पीछे क्या हैं मुख्य वजहें?

  • अंतरराष्ट्रीय तनाव और अनिश्चितता
    मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव, वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और भू-राजनीतिक संकट के कारण निवेशकों का रुझान सोने की ओर बढ़ा है. जब दुनिया भर में हालात खराब होते हैं, तो लोग सोने को सुरक्षित निवेश मानते हैं.
  • अमेरिकी नीतियों का असर
    पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति और वैश्विक व्यापार युद्ध ने भी निवेशकों को शेयर और करेंसी जैसे जोखिम भरे विकल्पों से दूर किया, जिससे गोल्ड की मांग और कीमत दोनों बढ़ीं.
  • भारत की आयात निर्भरता
    भारत अपनी सोने की जरूरत का 80% से ज्यादा आयात करता है और जब विदेशी बाजारों में कीमतें बढ़ती हैं, तो इसका सीधा असर घरेलू बाजार पर पड़ता है. रुपये की गिरती वैल्यू के कारण भी गोल्ड महंगा हो जाता है.

महंगाई और अस्थिरता से लड़ने में मददगार है सोना

आर्थिक जानकारों की मानें तो सोना एक ऐसा साधन है जो महंगाई, मुद्रा संकट और आर्थिक अस्थिरता के समय में सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है. जब स्टॉक मार्केट में अनिश्चितता रहती है. तब निवेशक सोने की ओर रुख करते हैं. जिससे इसकी मांग और दाम दोनों तेजी से बढ़ते हैं.

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नवरात्रि और शादी-ब्याह के सीजन में बढ़ती है डिमांड

भारत में नवरात्रि के बाद शादी का सीजन शुरू होता है, और ऐसे में सोने की डिमांड स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है. इस समय ज्वेलर्स को भारी ऑर्डर मिलते हैं और दाम तेजी से ऊपर चढ़ते हैं. ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि अगर वे जल्द ही खरीदारी की योजना बना रहे हैं, तो आज की तेजी को देखकर जल्द फैसला लें. क्योंकि देरी करने पर उन्हें और ज्यादा पैसे चुकाने पड़ सकते हैं.

निवेश के लिहाज से भी बढ़ रही है दिलचस्पी

सोने में केवल गहनों के रूप में ही नहीं. बल्कि स्मार्ट निवेश के रूप में भी दिलचस्पी बढ़ी है. लोग आजकल गोल्ड ETF, डिजिटल गोल्ड और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स जैसी योजनाओं में निवेश कर रहे हैं. इससे एक ओर जहां बाजार में नकद लेन-देन कम हो रहा है. वहीं दूसरी ओर गोल्ड की मांग बनी हुई है, जो कीमतों को और बढ़ा रही है.

क्या गोल्ड ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के पार जाएगा?

इस सवाल का जवाब फिलहाल निश्चित तौर पर नहीं दिया जा सकता. लेकिन मौजूदा हालात, वैश्विक घटनाएं और मांग के पैटर्न को देखते हुए ₹1 लाख के आंकड़े तक पहुंचना अब असंभव नहीं लगता. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आने वाले महीनों में रुपये में और गिरावट होती है या वैश्विक तनाव गहराता है, तो गोल्ड ₹95,000 से ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है.

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