Honda Activa Electric: होंडा ने आखिरकार अपने बहुप्रतीक्षित इलेक्ट्रिक स्कूटर ‘एक्टिवा-ई’ को भारत में लॉन्च कर दिया है. इसकी शुरुआत बेंगलुरु से हुई है और कंपनी इसे धीरे-धीरे पूरे देश में उपलब्ध कराएगी. होंडा की ये पहली इलेक्ट्रिक पेशकश है. जिसे खासतौर पर शहरी ट्रैफिक और रोजमर्रा के इस्तेमाल को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है. इस स्कूटर की सबसे खास बात यह है कि इसमें बैटरी स्वैपिंग प्लान दिया गया है. जिससे यूजर्स बैटरी चार्ज करने की बजाय उसे सीधे बदल सकते हैं.
बैटरी स्वैपिंग प्लान क्या है इसमें खास
होंडा एक्टिवा-ई फिलहाल सिर्फ बैटरी स्वैपिंग प्लान के साथ ही बेचा जा रहा है. इस प्लान की कीमत ₹2,000 रखी गई है. लेकिन इसमें ₹360 का GST भी जोड़ने पर कुल ₹2,360 का खर्च आता है. इस प्लान के तहत यूजर को 12 बार बैटरी स्वैप करने की सुविधा दी जाती है.
अगर इसे देखा जाए तो प्रति स्वैप का खर्च ₹196 आता है. और जब आप रियल रेंज को ध्यान में रखते हैं, जो कि मात्र 56.6Km है, तो प्रति किलोमीटर की लागत लगभग ₹3.5 बनती है. यह खर्च एक पेट्रोल स्कूटर से भी ज्यादा हो जाता है. क्योंकि पेट्रोल स्कूटर औसतन ₹2 प्रति किलोमीटर या इससे भी कम खर्च करता है.
एक्टिवा-ई की बैटरी और पावर की जानकारी
होंडा ने एक्टिवा ई में 1.5kWh की डुअल स्वैपेबल बैटरी दी है, जो एक 6kW फिक्स मैग्नेट सिंक्रोनस इलेक्ट्रिक मोटर को पावर देती है. यह मोटर 22Nm का पीक टॉर्क जनरेट करती है.
इस स्कूटर में तीन राइडिंग मोड दिए गए हैं:
- इकोनॉमी मोड
- स्टैंडर्ड मोड
- स्पोर्ट मोड
इसके अलावा इसमें एक 7-इंच की TFT डिजिटल स्क्रीन भी है जो नेविगेशन सपोर्ट करती है. स्कूटर की टॉप स्पीड 80Km/h है और यह 0 से 60 Km/h की रफ्तार सिर्फ 7.3 सेकेंड में पकड़ सकता है.
कंपनी का दावा और हकीकत में फर्क
होंडा का दावा है कि एक्टिवा-ई की बैटरी फुल चार्ज होने पर 102Km की रेंज देती है. लेकिन जब इसका रियल वर्ल्ड टेस्ट किया गया, तो इसके नतीजे बेहद चौंकाने वाले निकले. बेंगलुरु के सामान्य ट्रैफिक और शहरी सड़कों पर टेस्ट के दौरान स्कूटर सिर्फ 56.6Km की दूरी तय कर पाया. यानी कंपनी के दावे से 45.4Km कम रेंज. इससे यह साफ हो गया कि विज्ञापन में जो रेंज बताई जा रही है. वह अच्छी परिस्थितियों में है, न कि वास्तविक ट्रैफिक और सामान्य राइडिंग कंडीशन्स में.
प्रति किलोमीटर खर्च
अगर हम रियल रेंज और बैटरी स्वैपिंग प्लान को ध्यान में रखें, तो एक्टिवा-ई की प्रति किलोमीटर की लागत लगभग ₹3.5 बनती है. वहीं दूसरी तरफ एक सामान्य 110cc पेट्रोल स्कूटर, जो 50-55Km प्रति लीटर का माइलेज देता है. उसकी प्रति किलोमीटर लागत लगभग ₹2 या उससे कम बैठती है. इससे यह कहा जा सकता है कि होंडा एक्टिवा-ई पर्यावरण के लिहाज से तो बेहतर हो सकता है. लेकिन आर्थिक रूप से फिलहाल फायदेमंद नहीं है.
बैटरी स्वैपिंग की सुविधा
बैटरी स्वैपिंग का आइडिया काफी नया और दिलचस्प है. इससे यूजर को चार्जिंग की चिंता नहीं करनी पड़ती और बस बैटरी बदलकर स्कूटर फिर से रोड पर तैयार हो जाता है.
लेकिन इसमें कुछ समस्याएं भी हैं:
- स्वैपिंग स्टेशन हर जगह नहीं हैं.
- एक महीने में केवल 12 बार स्वैपिंग की सीमा.
- अतिरिक्त स्वैपिंग पर अलग खर्च.
- हर यूजर के लिए ये सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकती.
इसलिए जब तक बैटरी स्वैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत नहीं होता, तब तक यह सुविधा व्यवहारिक रूप से सीमित ही मानी जाएगी.
होंडा एक्टिवा-ई
अगर आप रोजाना केवल 10-15Km चलाते हैं और आपके पास बैटरी स्वैपिंग स्टेशन पास में है, तो एक्टिवा-ई एक अच्छा विकल्प हो सकता है. यह स्कूटर शोर नहीं करता, चलाने में स्मूद है और मेंटेनेंस भी कम है. लेकिन अगर आप रोजाना लंबी दूरी तय करते हैं या आपके शहर में अभी बैटरी स्वैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है, तो ये स्कूटर फिलहाल आपके लिए एक महंगा सौदा साबित हो सकता है.
क्या कहना है एक्सपर्ट्स का?
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों का मानना है कि होंडा का यह पहला कदम भारतीय इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट में स्वागत योग्य है. लेकिन कंपनी को ग्राहकों की रियल जरूरतों के अनुसार अपने प्रोडक्ट में सुधार करने की जरूरत है. जब तक स्कूटर की रियल रेंज 100Km के आसपास नहीं पहुंचती और जब तक बैटरी स्वैपिंग के विकल्प हर जगह नहीं होते. तब तक यह स्कूटर आम आदमी के लिए लॉन्ग टर्म यूज़ के लिए उपयुक्त नहीं है.