Jamin Registry Rule: आज के समय में प्रोपर्टी खरीदना काफी महत्वपूर्ण निवेश माना जाता है. इसमें बड़ी मात्रा में धनराशि का निवेश शामिल होता है, इसलिए खरीदारी करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. प्रोपर्टी की रजिस्ट्री और अन्य कागजातों की जांच पड़ताल करना आवश्यक होता है. इन्हें बारीकी से देखने से आप धोखाधड़ी के जोखिम से बच सकते हैं.
रजिस्ट्री और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच
प्रोपर्टी खरीदने से पहले इसकी रजिस्ट्री की जांच अत्यंत आवश्यक होती है. रजिस्ट्री के साथ-साथ खतौनी, नामांतरण और दाखिल खारिज जैसे दस्तावेज भी चेक करने चाहिए. इससे यह पता चलता है कि प्रोपर्टी के कागजात असली हैं या नकली और प्रोपर्टी का मालिक कौन है. यह जानकारी बेहद जरूरी है क्योंकि इससे आपको बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है.
संबंधित विभाग में जाकर करें पता
प्रोपर्टी खरीदने की प्रक्रिया में यह भी जरूरी है कि आप संबंधित प्राधिकरण या भूमि पंजीकरण कार्यालय में जाकर प्रोपर्टी का रिकॉर्ड चेक करें. यहाँ पर आपको प्रोपर्टी के बिल, लोन और अन्य वित्तीय संबंधित दस्तावेजों की भी जानकारी मिल सकती है, जिससे प्रोपर्टी की वास्तविक स्थिति का पता चलता है.
पुरानी और नई रजिस्ट्री की जांच
प्रोपर्टी खरीदते समय नई रजिस्ट्री के साथ पुरानी रजिस्ट्री की जांच भी अनिवार्य है. यह जांच आपको प्रोपर्टी के इतिहास और पूर्व मालिकों की जानकारी प्रदान करती है. इससे आप प्रोपर्टी की सच्चाई और उसके मालिकाना हक के बारे में अधिक जान सकते हैं.
जमीन का पूरा रिकॉर्ड चेक करें
खरीदने से पहले प्रोपर्टी का पूरा रिकॉर्ड देखना चाहिए. जमीन का सरकारी या निजी होना, उस पर किसी प्रकार की कानूनी पाबंदी या विवाद तो नहीं है, इसकी पूरी जांच अनिवार्य है. इसके लिए चकबंदी के अभिलेखों का अवलोकन करना चाहिए.
कोर्ट केस और विवादों की जांच
आखिर में, यह सुनिश्चित कर लें कि जमीन पर कोई कोर्ट केस या विवाद तो नहीं है. विवादित प्रोपर्टी खरीदने से भविष्य में आपको कानूनी और वित्तीय समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे न सिर्फ आर्थिक नुकसान होगा बल्कि प्रोपर्टी खोने का भी खतरा बन सकता है.
इन सभी बिंदुओं का ध्यान रखकर प्रोपर्टी खरीदने में समझदारी बरती जा सकती है और आप धोखाधड़ी और अन्य वित्तीय जोखिमों से बच सकते हैं.