PM Free Bijli Yojana: भारत सरकार ने 13 फरवरी 2024 को ‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत 1 करोड़ घरों को हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का लक्ष्य रखा गया था. एक साल पूरे होने के बाद, 27 जनवरी 2025 तक 8.46 लाख घरों को इस योजना का फायदा मिल चुका है.
योजना के तहत लाभार्थियों को क्या मिलेगा?
योजना के तहत सोलर पैनल लगाने वाले परिवारों को न केवल मुफ्त बिजली मिलेगी. बल्कि उन्हें सालाना 15,000 रुपये की एक्स्ट्रा आमदनी भी होगी. सरकार के इस कदम से देश में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा मिलने के साथ ही बिजली बचत को भी बढ़ावा मिलेगा.
सोलर प्लांट लगाने में कितना खर्च आएगा?
सरकार इस योजना के तहत सोलर प्लांट लगाने पर सब्सिडी प्रदान कर रही है. इसकी लागत इस प्रकार होगी:
- 2 KW सोलर प्लांट: कुल लागत का 60% सब्सिडी के रूप में सरकार देगी.
- 3 KW सोलर प्लांट: पहले 2 KW के लिए 60% और एक्स्ट्रा 1 KW के लिए 40% सब्सिडी मिलेगी.
- लागत का ब्योरा:
- 3 KW सोलर प्लांट लगाने में करीब 1.45 लाख रुपये खर्च होंगे.
- सरकार इसमें 78,000 रुपये की सब्सिडी देगी.
- शेष 67,000 रुपये के लिए सरकार ने सस्ते बैंक लोन की व्यवस्था की है. बैंक सिर्फ 0.5% रेपो रेट से अधिक ब्याज वसूल सकेंगे.
सोलर प्लांट लगाने के लिए आवेदन प्रक्रिया
सरकार ने योजना के लिए नेशनल पोर्टल लॉन्च किया है. जहां उपभोक्ता ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करने की प्रक्रिया इस प्रकार है:
- कंज्यूमर पोर्टल पर जाएं और अपना कंज्यूमर नंबर, नाम, पता व सोलर प्लांट की क्षमता भरें.
- डिस्कॉम कंपनियां आवेदन की पुष्टि करेंगी.
- रजिस्टर्ड वेंडर्स की सूची में से किसी को चुनें और सोलर पैनल इंस्टॉल करवाएं.
- डिस्कॉम द्वारा नेट मीटरिंग इंस्टॉल होने के बाद बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा.
योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
योजना का लाभ उठाने के लिए इन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाणपत्र
- बिजली का बिल
- आय प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
- बैंक पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
- राशन कार्ड (यदि लागू हो)
सब्सिडी का पैसा उपभोक्ता के खाते में कैसे आएगा?
सोलर पैनल लगाने के बाद और नेट मीटरिंग इंस्टॉल होने के बाद उपभोक्ता को अपने प्रमाण और सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड करने होंगे. इसके बाद सरकार डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (DBT) के तहत सब्सिडी की पूरी राशि उपभोक्ता के खाते में भेज देगी.
300 यूनिट मुफ्त बिजली योजना का काम करने का तरीका
- 1 KW का सोलर प्लांट रोजाना लगभग 4-5 यूनिट बिजली उत्पन्न करता है.
- 3 KW का प्लांट रोजाना करीब 15 यूनिट बिजली बनाएगा, यानी महीने में लगभग 450 यूनिट.
- मुफ्त बिजली की सीमा 300 यूनिट तक है. इससे अधिक बनी बिजली को डिस्कॉम को बेचा जा सकता है.
- सरकार के मुताबिक इस बिजली से सालाना 15,000 रुपये तक की आमदनी हो सकती है.
योजना के क्या फायदे हैं?
- बिजली बिल में भारी बचत: जिन घरों में यह सोलर सिस्टम इंस्टॉल होगा. वे बिजली के खर्च से पूरी तरह मुक्त हो जाएंगे.
- एक्स्ट्रा कमाई का अवसर: उपभोक्ता अपनी एक्स्ट्रा बिजली डिस्कॉम को बेच सकते हैं और पैसे कमा सकते हैं.
- पर्यावरण के अनुकूल: सोलर ऊर्जा एक स्वच्छ और हरित ऊर्जा स्रोत है. जिससे प्रदूषण नहीं होता.
- सरकार की सब्सिडी का लाभ: सरकार 60% तक की सब्सिडी दे रही है. जिससे लागत काफी कम हो जाती है.
- कम ब्याज दर पर लोन: सरकार ने कम ब्याज दरों पर लोन की भी व्यवस्था की है.