Sone Ka Rate: वैश्विक अर्थव्यवस्था में जारी अनिश्चितताओं के चलते सोने में निवेश एक बार फिर से सुर्खियों में है. 11 अप्रैल को, सोने ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में नए ऊंचाई के रिकॉर्ड बनाए, जिससे निवेशकों के बीच इसकी मांग में बढ़ोतरी हुई है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें नई ऊंचाई पर
सोने की कीमतें 11 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3,216.48 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गईं, जो कि इतिहास में पहली बार है. एक समय तो यह 3,219.73 डॉलर प्रति औंस तक भी पहुंचा. इस तरह की तेजी मुख्यतः वैश्विक अनिश्चितताओं और बड़ी आर्थिक शक्तियों के बीच जारी तनाव के कारण देखने को मिली है.
इंडिया में भी सोने के दामों में भारी उछाल
भारतीय बाजार में भी सोने के फ्यूचर्स ने पहली बार 93,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की सीमा को पार किया. यह उछाल कोमोडिटी एक्सचेंज MCX पर देखा गया, जहाँ सोने के दामों में 1.7% का इजाफा हुआ. यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश मानते हैं.
वैश्विक अनिश्चितता और उसका गोल्ड प्राइस पर प्रभाव
अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा टैरिफ की नीति में दिए गए विस्तार ने भले ही कुछ राहत प्रदान की हो, लेकिन चीन के साथ उनके रुख में कोई नरमी नहीं आई है. चीन पर 145% तक टैरिफ लगाने का उनका फैसला वैश्विक बाजारों में अस्थिरता को और बढ़ा रहा है. यह टैरिफ युद्ध अमेरिका और चीन के बीच तनाव को और गहरा रहा है, जिससे सोने की कीमतों में तेजी आ रही है.
स्टॉक्स और बॉन्ड्स से पैसा निकलकर गोल्ड में जा रहा
वित्तीय विश्लेषक Ilya Spivak के अनुसार, “डॉलर में कमजोरी के कारण अमेरिकी एसेट्स से पैसा निकलकर दूसरे एसेट्स में जा रहा है.” यह बदलाव मुख्यतः टैरिफ पॉलिसी में अनिश्चितता के कारण हो रहा है, जिससे स्टॉक्स और बॉन्ड्स में बिकवाली बढ़ रही है.
सोने की कीमतों में आगे भी तेजी की संभावना
कमोडिटी विश्लेषकों का मानना है कि अगर वैश्विक आर्थिक महाशक्तियों के बीच टकराव जारी रहता है, तो सोने की कीमतें आगे भी बढ़ती रहेंगी. यह वैश्विक अस्थिरता सोने की कीमतों को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है.