Raw Employees: हरियाणा में काम कर रहे कच्चे और अनुबंधित कर्मचारियों के लिए एक अहम और जरूरी अपडेट सामने आया है. सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों और सरकारी कंपनियों में जो नवचयनित ग्रुप सी कर्मचारी (तृतीय श्रेणी) नियुक्त हो रहे हैं. उन्हें अब नियुक्ति दी जाएगी. लेकिन इसके चलते 5 साल से कम अनुभव वाले कच्चे कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है.
5 साल से ज्यादा अनुभव वालों को राहत
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की ओर से इस संबंध में नई गाइडलाइन जारी की गई है. इसमें कहा गया है कि जिन कच्चे कर्मचारियों की सेवा अवधि 5 साल या उससे अधिक है. उन्हें तुरंत नहीं हटाया जाएगा. बल्कि ऐसे कर्मचारियों को अन्य रिक्त पदों पर समायोजित करने का प्रयास किया जाएगा. यह फैसला उन हजारों कर्मचारियों के लिए राहत है. जो कई सालों से अनुबंध पर कार्यरत हैं.
नवचयनित कर्मचारियों को मिलेगा मौका
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HKRN) द्वारा चयनित युवाओं को ज्वाइनिंग देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. यह सभी नियुक्तियां राज्य सरकार के पोर्टल पर दर्शाई गई रिक्तियों के आधार पर की गई हैं. सरकार का कहना है कि इन नवचयनित युवाओं को नियुक्ति देना जरूरी है. क्योंकि प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और स्टेशन आवंटन भी कर दिया गया है.
आउटसोर्सिंग नीति के तहत लगे कर्मचारियों पर गिरेगी गाज
नई गाइडलाइन के अनुसार अगर आवश्यकता हुई तो आउटसोर्सिंग नीति के तहत लगे कर्मचारियों को हटाया जा सकता है. खासकर उन कर्मचारियों को जिनका अनुभव 5 साल से कम है. इनमें वे कर्मचारी शामिल हैं जो विभिन्न विभागों में ठेके पर रखे गए हैं और अब तक स्थायी नहीं हो पाए हैं. इसका मतलब है कि अगर विभाग में कोई रिक्त पद नहीं बचा, तो ऐसे कर्मचारियों को सेवा से मुक्त किया जा सकता है.
15 अगस्त 2019 से पहले लगे कर्मचारियों को मिलेगी प्राथमिकता
सरकार ने अपने आदेश में यह भी साफ किया है कि 15 अगस्त 2019 से पहले कार्यरत अनुबंधित कर्मचारियों को हटाया नहीं जाएगा. इसके पीछे कारण यह है कि इन कर्मचारियों ने लंबे समय तक सेवाएं दी हैं और उनके अनुभव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. हालांकि जिनकी नियुक्ति 15 अगस्त 2019 के बाद हुई है, वे खतरे के घेरे में हैं.
पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर हटाए जाएंगे कच्चे कर्मचारी
नई गाइडलाइन में यह भी निर्देश है कि 5 साल से कम सेवा वाले अनुबंधित कर्मचारियों को “पहले आओ, पहले पाओ” के सिद्धांत के आधार पर हटाया जाएगा. इसका मतलब यह हुआ कि जो कर्मचारी सबसे पहले रखे गए हैं. उन्हें सबसे पहले हटाया जाएगा. यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और किसी एक व्यक्ति को टारगेट न किया जाए.
कौन से विभाग और कर्मचारी प्रभावित होंगे?
सरकारी सूचना के अनुसार यह निर्देश हरियाणा के सभी:
- प्रशासनिक सचिवों
- विभागाध्यक्षों
- मंडलायुक्तों
- उपायुक्तों को भेजा गया है.
इसका असर उन विभागों पर पड़ेगा जहां ग्रुप सी के नए पदों पर नियुक्तियां होनी हैं. खासकर शिक्षा, स्वास्थ्य, राजस्व, कृषि और नगरीय विकास जैसे विभागों में कच्चे कर्मचारी बड़ी संख्या में कार्यरत हैं.
कच्चे कर्मचारियों में फैली चिंता
सरकारी गाइडलाइन आने के बाद हरियाणा के कच्चे कर्मचारियों में गहरी चिंता का माहौल है.
कई कर्मचारी संगठनों और यूनियनों ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. उनका कहना है कि कई कच्चे कर्मचारी वर्षों से बेहद कम वेतन में काम कर रहे हैं. अब उन्हें हटाना नाइंसाफी होगी.
सरकार का पक्ष
सरकार का तर्क है कि जो नवचयनित युवा लिखित परीक्षा और चयन प्रक्रिया पास कर सरकारी नौकरी के हकदार बने हैं. उन्हें नियुक्त करना जरूरी है. इससे प्रदेश के पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा और प्रशासनिक कार्यप्रणाली में नई ऊर्जा आएगी. साथ ही सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि पुराने कर्मचारियों का अनुभव भी बेकार न जाए. इसलिए उन्हें अन्य पदों पर समायोजित किया जाएगा.